मैं कांशी राम बोल रहा हूँ – यह पुस्तक कांशी राम जी की जीवन यात्रा को दर्शाती है, जिसमें उन्होंने कठिन परिस्थितियों में दृढ़ता, साहस, और मानवता के साथ लाखों कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया और भारतीय सामाजिक आंदोलन को एक नई दिशा दी। उनके अनूठे दृष्टिकोण और कार्य करने की पद्धति को समझने के लिए यह पुस्तक आंदोलनकारियों के लिए महत्वपूर्ण है।
कांशी राम जी की सोहबत में – डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर के महापरिनिर्वाण के बाद बहुजन समाज में छाए अंधकार के बीच, कांशी राम ने अकेले ही बाबा साहेब के अधूरे मिशन को पूरा करने के संकल्प के साथ आंदोलन शुरू किया। बिना आराम या परवाह के, कांशी राम ने दिलों और दिमागों को जोड़ने का कठिन कार्य किया और इस मिशन में साथियों का एक कारवाँ खड़ा कर दिया, जो उनके पक्के इरादों के कारण निरंतर आगे बढ़ता रहा।
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